सीबीआई के नए डायरेक्टर की कमान सुबोध जायसवाल को सौंपी गई है। उनका कार्यकाल दो साल का होगा। वह सीआइएसएफ के महानिदेशक और महाराष्ट्र एटीएस के चीफ भी रह चुके हैं। सुबोध 1985 बैच आईपीएस अफसर हैं। यह जानकारी कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने दी है।
नई दिल्ली : CISF के महानिदेशक सुबोध कुमार जायसवाल केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) के नए प्रमुख होंगे। नए प्रमुख के लिए सोमवार को जिन तीन नामों का पैनल तैयार हुआ उसमें सबसे वरिष्ठ होने के कारण महाराष्ट्र कैडर के जायसवाल सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे थे। केंद्र सरकार की ओर से उन्हें सीबीआइ निदेशक बनाए जाने की अधिसूचना मंगलवार रात जारी कर दी गई। सीबीआई निदेशक का कार्यकाल दो साल के लिए तय है। बीते फरवरी महीने में आरके शुक्ला के रिटायर होने के बाद देश की शीर्ष जांच एजेंसी के प्रमुख का पद रिक्त चल रहा था।
बीते चार महीने से सीबीआइ के अपर निदेशक प्रवीण सिन्हा अस्थायी तौर पर जांच एजेंसी के निदेशक के तौर पर काम देख रहे थे। 22 सितंबर 1962 को जन्मे जायसवाल 1985 बैच के आइपीएस हैं। महाराष्ट्र कैडर में होने के कारण वे मुंबई के पुलिस कमिश्नर और महाराष्ट्र के डीजीपी भी रहे चुके हैं। वे नौ साल तक रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रा) में भी सेवाएं दे चुके हैं। उन्होंने रा में रहते हुए तीन साल तक अतिरिक्त सचिव की जिम्मेदारी भी निभाई।
चर्चित आइपीएस रहे हैं सुबोध जायसवाल
सुबोध जायसवाल ने एक दशक से अधिक समय तक इंटेलिजेंस ब्यूरो, एसपीजी (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप) और रॉ (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) के साथ भी काम किया है। सुबोध जायसवाल तेलगी घोटाले में जांच के बाद चर्चा में आए थे। उस समय वह स्टेट रिजर्व पुलिस फोर्स का नेतृत्व कर रहे थे। सुबोध जायसवाल ने महाराष्ट्र एटीएस का नेतृत्व करते हुए कई आतंकवाद विरोधी अभियानों में भी काम किया है। उन्हें 2009 में उनकी विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया था।