‘तू कितनी अच्छी है, तू कितनी भोली है’.. ओ मां ओ मां राजा और रंक के इस गीत में मां की अहमियत को भावुक अंदाज में बयां किया गया है लेकिन कोरोना काल में अपने जिगर के टुकड़े को दूसरे के हवाले छोड़कर लोगों की जान बचाने में जुटी चंदा का कोई जवाब नहीं है. स्वास्थ्य विभाग में एएनएम के पद पर कार्यरत तीस वर्षीय चंदा एक साल से कोविड ड्यूटी कर रही हैं. इसी बीच वह गर्भवती हो गईं और बेटे को जन्म दिया। बच्चे के लालन-पालन के लिए एक साल का अवकाश मिलता है लेकिन चंदा ने एक महीने का अवकाश ही लिया और वह अपनी ड्यूटी के चक्कर में ममता को भी दरकिनार कर रहीं हैं.
वह बताती हैं कि चार महीने के बेटे सूरज(अयांश) को पड़ोसन के पास छोड़कर ड्यूटी पर चली आती है. सूरज की देखभाल तीन महीने से उनकी पड़ोसन ही कर रहीं हैं. दिन में दो बार मोबाइल पर बात करके बेटे का हालचाल जरूर जान लेती हैं. अपनी ममता को दरकिनार करते हुए दूसरों की जान बचाने में जुटी हुई है चंदा हरसांव में किराये पर रहती हैं. 16 जनवरी से अब तक वह 13 हजार लोगों को टीका लगा चुकी है.
उनके पति योगेंद्र कुमार निजी कंपनी में नौकरी करते हैं. वह बताती हैं कि पूरे दिन बच्चे की याद आती रहती है लेकिन वह कोरोना संक्रमण में सुरक्षा कवच बनी वैक्सीन की डोज लगाने में व्यस्त रहती है. जिला महिला अस्पताल में संचालित टीकाकरण केंद्र पर आने वाले लोग भी बड़े आराम से इंजेक्शन लगाने की तारीफ करके जाते हैं. दो दिन पहले नोडल सेंथिल पांडियन, कार्यवाहक डीएम कृष्णा करुणेश ने भी चंदा की तारीफ की.