राजनीति की प्रतिभा …

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सावित्रीबाई फुले जयंती विशेष

आज सावित्रीबाई फुले जयंती है. आज के दिन सभी ओर सावित्री बाई फुले का सम्मान किया जाता है. महाराष्ट्र सरकार ने इस दिन को शिक्षिका दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है. हमारे आस पास आज कई सावित्री और ज्योतिबा फुले है. यह सभी हमारे समाज के लिए आदर्श है. इन्ही में एक है विधायक प्रतिभा धानोरकर और सांसद बालू धानोरकर। ज्योतिबा फुले ने सावित्री बाई को जिस तरह आत्मीयता से पढ़ाया उसी तरह ही विधायक प्रतिभा धानोरकर को सांसद बालू धानोरकर ने राजनीति के पाठ पढ़ाये है. और आज प्रतिभा ताई धानोरकर एक सक्षम, महिलाओ के प्रश्न उठाने वाली वरोरा विधानसभा की पहली विधायक बनी है.

काफी कम समय में लाेकप्रियता हासिल करने वाली वराेरा -भद्रावती क्षेत्र की चंद्रपुर जिले की एकमात्र महिला विधायक प्रतिभाताई धानाेरकर का जन्म 9 जनवरी 1986 को यवतमाल जिले की वणी तहसील के परमडाेह गांव में हुआ था. उनके मायके का दूर -दूर तक राजनीति से संबंध नही था. लेकिन वह हमेशा से समाज के लिए कुछ न कुछ करना चाहती थी. वह पति के साथ भले ही राजनीति में कभी सक्रिय नहीं थी लेकिन सामाजिक कार्यो में वह हमेशा आगे रहती थी.

बालू धानोरकर के सांसद बनने के बाद प्रतिभाताई धानोरकर को भी वरोरा विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी बनाया गया. यह क्षेत्र महिला उम्मीदवार के लिए आरक्षित नहीं था. इसके बावजूद प्रतिभाताई धानोरकर ने चुनाव लड़ने का निर्णय लिया। कई लोग यह मान बैठे थे कि प्रतिभाताई के लिए यह चुनाव बेहद कठिन साबित होगा लेकिन उम्मीदवारी के लिए नामांकन प्रक्रिया के पहले ही दिन कटारिया भवन में उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए जिस तरह अपनी बात रखी उसे देख कर यह लगने लगा था कि कांग्रेस ने एक सक्षम उम्मीदवार को उम्मीदवारी दी है. यही कारण है कि आगे जब नतीजे आए तो प्रतिभाताई बड़े अंतर से ना सिर्फ जीती बल्कि वह चंद्रपुर जिले से कांग्रेस की एकमात्र महिला विधायक भी बनी.

विधायक बनने के बाद से उन्होंने अपने क्षेत्र में बहुत अच्छा काम किया है. कोविड संक्रमण के काल में उन्होंने बतौर जनप्रतिनिधि बहुत अच्छा कार्य किया. लॉकडाउन की वजह से कई लोगों के रोजगार छीने गए. इस वजह से उन्होंने गांव में मात्र ₹5 में पेट भर भोजन कराने वाली शिव भोजन योजना लागू की. कई परिवारों को अनाज के पॉकेट वितरित किए गए. किसान, खेतिहर मजदूर और आम नागरिकों की समस्याओं को उठाकर उसे न्याय देने की कोशिश की. प्रतिभाताई की इन्हीं क्षमताओं को देखते हुए विधानसभा सभापति नाना पटोले और कांग्रेस अध्यक्ष ने उन्हें समिति सदस्य बनाते हुए महिला बाल अधिकार समिति पर नियुक्त किया। काफी कम समय में प्रतिभाताई धानोरकर ने अपनी क्षमता को साबित किया है. अब सभी यह चाहते हैं की प्रतिभाताई जल्द ही राज्य के मंत्रिमंडल में भी दिखाई दे.

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