गोंडपिपरी (चंद्रपुर) : तहसील के भंगाराम तलोधी के प्रभाग क्र . 4 के चुनाव में अनुसूचित जनजाति के आरक्षित सीट पर भाजपा के कमलेश गेडाम व कांग्रेस के मनोज सिडाम ने चुनाव लड़ा था. 18 जनवरी को मतगणना के दौरान भाजपा के कमलेश गेडाम जीत की खुश खबर लेकर बाहर निकले. अपने पैनल के साथ जश्न मनाया. लेकिन 3 दिनों बाद जब वे गुरुवार, 21 जनवरी को यहां के तहसील कार्यालय पहुंचे तो उन्हें उनकी हार का प्रमाणपत्र थमा दिया गया. उनके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के मनोज सिडाम जीतने की खबर ने उन्हें मायूसकर दिया.
बताया जाता है कि गुरुवार को जब भाजपा प्रत्याशी कमलेश गेडाम को अपने पराजय की जानकारी तहसील प्रशासन से मिली तो वे सीधे तहसीलदार के.डी. मेश्राम के पास पहुंच गए. उन्हें तहसीलदार ने विस्तृत जानकारी के साथ चुनाव परिणामों की जानकारी दी. इधर , हार से मायूस घर पर बैठे कांग्रेस प्रत्याशी मनोज सिडाम को उनके चुनाव जीतने की खबर मिली तो भरोसा नहीं हुआ.
खुशी के मारे जहां उनके समर्थक नाचने लगे, वहीं वे इस बात पर विश्वास करने के लिए सही जानकारी की पूछताछ करने घंटों तक भटकते रहे. इस अजीबोगरीब घटना से गांव का राजनीतिक माहौल चर्चा का विषय बन गया है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गांव में चुनाव के दौरान ईवीएम पर क्रमांक एक पर कमलेश गेडाम का चिह्न था. वहीं क्र . 2 पर मनोज सिडाम का चिह्न उपलब्ध था. मतगणना में कमलेश को 218 वोट मिले , जबकि मनोज सिडाम को 236 वोट मिले परंतु ईवीएम मशीन की देखरेख करने वाले कमलेश के समर्थकों से भूल हुई और उन्होंने मनोज के 236 वोट को कमलेश गेडाम के वोट मान बैठे. बाहर निकलकर वे जीत का जश्न मनाने लगे लेकिन 3 दिन बाद यह जश्न उनके लिए मायूसी का कारण बन गया.