चंद्रपुर | तबादले अगर नियम से हुए है तो कुछ पर ही मेहरबानी क्यों?

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-शराब तस्करों से सांठ गांठ के आरोप वाले कर्मियों के तबादलों पर लगी रोक, उठने लगे है सवाल

चंद्रपुर : जिला पुलिस अधीक्षक ने 10 सितंबर को अपना एक आदेश जारी कर विभाग के अंतर्गत बड़े पैमाने पर तबादले किए है. ये सारे ही तबादले नियम अनुसार किए जाने का दावा विभाग द्वारा किया जा रहा है. लेकिन इसी बीच कुछ तबादलों को रोक दिया गया है. नियम के अनुसार, उन लोगों के तबादले भी जायज ही थे. फिर भी आखिर वो क्या वजह थी कि कुछ विशेष कर्मचारियों पर मेहरबानी करते हुए तबादलों को रोक दिया गया? दबी जुबान में ये चर्चा हो रही है कि जिनके तबादले रोके गए है वो सभी कर्मचारी ‘ऊपर तक पहुंच’ वाले है. उनके आंकाओं की मेहरबानी से ही तबादलों पर रोक लगी है.

575 में से 9 तबादले ही रोके

जिले में कुल 575 पुलिस कर्मियों के तबादले किए गए. जिनके तबादले किए गए है उनमें पांच वर्ष सेवा पूर्ण होने वाले 504 कर्मी शामिल है. वहीं नक्सलग्रस्त क्षेत्र पिट्टीगुडा, टेकामांडवा, धाबा, भारी, जिवती, पाटण, पुलिस कैम्प वणी, उमरी पोतदार जैसे पुलिस थानों में तीन वर्ष सेवा पूर्ण हुए 45 पुलिस कर्मियों के भी तबादले हुए है. लेकिन अचानक से इनमें से करीब 9 पुलिस कर्मियों के तबादले स्थगित कर दिए गए है.

हंगामा है क्यों बरपा?

चर्चा है कि, थाने में जमे हुए कुछ रसूख वाले पुलिस कर्मियों ने अपने तबादले ‘ऊपर तक की पहुंच’ का फायदा लेकर रूकवाए है. उधर, घुग्घुस पुलिस थाने के 13 में से 2 पुलिस कर्मियों के तबादले पर स्थगिती दी गई है. उल्लेखनीय है कि इन दो पुलिस कर्मियों पर शराब तस्करों के साथ सांठगांठ के आरोप हमेशा लगते रहे हैं. इसकी शिकायत भी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी तक पहुंची है. बावजूद इसके तबादले पर स्थगिती आने के बाद से ये क्षेत्र में भी चर्चा का विषय बन गया है.

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