घुग्घुस व नकोड़ा से रोज 50 ट्रैक्टर रेत चोरी, प्रशासन गहरी नींद में

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– जिलाधिकारी व तहसीलदार की अनदेखी

 चंद्रपुर : प्रशासन द्बारा जिले के रेती घाटों की नीलामी विगत दो वर्षों से नहीं किए गए. इसी का लाभ उठाते हुए बडे पैमाने पर रेत तस्करों द्बारा खुलेआम
दिन -रात रेती की ढुलाई कर सरकार को करोडो रूपए का चुना लगा रहे है.

फलस्वरूप जिला प्रशासन तथा माइनिंग विभाग द्बारा इस ओर जानबूझकर अनदेखी करने का चित्र दिखाई दे रहा है। जिससे प्रशासन व जिला माईनिंग विभाग के कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया जा रहा है।

चंद्रपूर से 25 किलोमीटर दूरी पर स्थित जिले की औद्योगिक नगरी घुग्घुस शहर के वर्धा नदी के नकोड़ा – घुग्घुस इन दोनों रेती घाटों से शहर के अवैध रेती तस्करों द्वारा खुलेआम नियमों का उल्लंघन कर शहर के पुलिस थाना व नायब तहसील कार्यालय के सामने से दिन – रात शहर के राजनीतिक दलों के आशीर्वाद से कुछ रेती तस्करों का गिरहों सक्रिय होकर नकोड़ा के हल्या घाट व घुग्घुस के घोड़ा घाट से रोजाना 30 से 50 ट्रैक्टरों द्वारा वर्धा नदी के पत्र से रेती उत्खनन कर इन दोनों घाटो के अलावा वेकोलि वणी क्षेत्र (बारूत) मैगजीन परिसर तथा शहर के एसीसी सीमेंट कंपनी के व्हाईट हॉउस के पीछे लगभग 2 हजार ब्रास से अधिक अवैध रेती स्टॉक आज भी मौजूद हैं।

स्टॉक किए गए अवैध रेती को हाइवा ट्रकों में जेसीबी मशीन के सहायता से भरकर क्षेत्र के विभिन्न स्थानों में दुगने दामों में बेच रहे हैं। इस बडे पैमाने पर होने वाले रेत तस्करी से राजस्व विभाग को करोड़ों रूपयों का नुकसान हो रहा है।

सूत्रों के अनुसार शहर के रेती तस्करों ने क्षेत्र के माइनिंग विभाग और तहसील कार्यालय के अधिकारी, मंडल अधिकारी, पटवारी इन अधिकारियों को आर्थिक चढ़ावा चढ़ाकर 20 ट्रैक्टरों का अवैध रेती उत्खनन की अनुमती लेकर 20 के ऐवज में दिन – रात खुलेआम 50 ट्रैक्टरों से तस्करी की जा रहा हैं।

ज्ञात हो कि विगत ऑक्टोबर माह के अंत में नाम मात्र के लिए चंद्रपूर के तहसीलदार नीलेश गौड़ अपने टीम के साथ मोटरसाइकिल पर सवार होकर तथा इससे एक सप्ताह पूर्व माइनिंग विभाग की महिला अधिकारी अल्का खेड़कर ने वर्धा नदी तथा वढ़ा नदी के घटों पर छापामार कर कुछ चुनींदा ट्रैक्टरों व एक हाइवा पर ही कार्रवाई की गई थी और अन्य ट्रैक्टरों को छोड़ दिया गया था ऐसी चर्चा है।
लेकिन आज जब वर्धा नदी के घुग्घुस व नकोड़ा घटों पर दो हजार से अधिक ब्रास अवैध रेती की स्टॉक हैं तो छापामार कर अवैध रेती जप्त क्यों नहीं कर रहे हैं ऐसा सवाल उठने लगे हैं। इस अवैध रेत तस्करी के गिरोह में कई बडी मछलियां होने की संभावना है।

क्या अक्टूबर माह के अंत में जो तहसीलदार व माइनिंग विभाग की कार्रवाई केवल दीपावली पर्व के बोनस के लिए तो नहीं था ?

जिले के जिलाधिकारी अजय गुल्हाने द्वारा इस ओर विशेष ध्यान देकर घुग्घुस क्षेत्र में चल रहे अवैध रेती उत्खनन पर अंकुश लगाए और जिला प्रशासन समय न गवाते हुए घुग्घुस के वर्धा नदी के नकोड़ा व घुग्घुस घाटों पर अवैध रेती की हजारों ब्रास की स्टॉक को जप्त कर नीलामी करने की मांग स्थानीय नागरिकों द्वारा की जा रहा है।

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