घुग्घूस (चंद्रपुर) : शहर के प्रतिष्ठित व्यापारी सन्नी खारकर के पुत्र का कल मंगलवार 3 नवंबर को शहर के पुराने बस स्थानक समीप दुर्गा माता मंदिर परिसर से अपहरण हुवा था।
12 घंटों बाद आज बुधवार 4 नवंबर की सुबह वीर नागपुर के सोनेगांव परिसर में एक पुलिसकर्मी को मिला।
वीर वहा कैसे पहुचा इसकी जांच पुलिस कर रही है। इसके लिए घुग्घूस पुलिस ने शहर के मुख्य मार्गों के सीसीटीवी कैमरों को खंगालने लगी लेकिन शहर के कैमरा में कुछ दिखाई नही दिया।
जिसके बाद पुलिस ने घुग्घूस – म्हातारदेवी मार्ग पर स्थित गौसिया हार्डवेर के सीसीटीवी कैमरे के फुटेज देखने पर एक युवक यामाहा F – Z मोटरसाइकिल पर एक छोटे लड़के को बिठाकर शाम 5 बजकर 8 मि. समय के दौरान ले जाने के दृश्य कैमरा में कैद हुआ।
वह वयक्ति सिर पर हेलमेट पहना हुवा था। काले रंग के कपड़े पहनकर म्हतारदेवी मार्ग से जा रहा था।
आखिर वह अज्ञात व्यक्ति कौन हैं ? औऱ कीस उद्देश्य से वीर को मोटरसाइकिल पर बैठाकर ले जा रहा था अभी तक पता नहीं चल पाया है।
विशेष बात यह है कि जब वीर की लापता होने की बात वीर के फोटो के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो अपहरणकर्ता उसे घुग्घूस से 150 किलोमीटर दूर नागपुर के सोनेगांव परिसर में छोड़कर भाग खड़ा हुआ वह कौन हैं ?
किस कारण से वीर का अपहरण हुआ पुलिस तापतिष कर बात पाएगी। खबर लिखें जाने तक आज बुधवार के दुपहर के डेढ़ बजे करीब घुग्घूस पुलिस थाने के सचिन बोरकर, महेश कुंभारे व वीर के पिता सन्नी खारकर नागपुर के सोनेगांव पुलिस थाने से वीर को घुग्घूस थाने में लाकर अपने घर लेकर गए।
फिरसे वीर को चंद्रपुर के (SDPO) उपविभागीय पुलिस अधिकारी घुग्घूस पुलिस थाने में आने के बाद वीर से पूछताछ कर इस वारदात की जांच करेंगे ऐसी जानकारी प्राप्त हुई हैं।
वीर के मिलने का श्रेय सोशल मीडिया को जाता हैं ऐसा शहर के नागरिको द्वारा कहा जा रहा है।
ज्ञात हो वर्ष 2005 में घुग्घूस शहर से 5 वर्षीय बालक आकाश सिंह का अपहरण किया गया था। अपहरण के तीसरे दिन बाद आकाश का शव मिला था। 15 साल बीत जाने के बाद भी पुलीस आरोपी को ढूंढ नही सकी। यदि उस समय सोशल मीडिया सक्रिय होता तो आकाश के भी आरोपी मिल सकते थे ऐसा लोगो द्वारा कहा जा रहा है।