नौ महीनों के बाद वनविभाग को मिली कामयाबी
राजुरा (चंद्रपुर) : मध्य चांदा वनविभाग के अंतर्गत राजुरा और विरुर वनपरिक्षेत्र में आतंक मचाने वाले बाघ को आखिरकार पकड़ने में मंगलवार (27 अक्टूबर) को वनविभाग को कामयाबी मिली है. उल्लेखनीय है कि पिछले दो वर्षों में इस बाघ ने दो किसान और खेतिहर मजदूरों को अपना शिकार बनाया है. आज दोपहर दौरान राजुरा तहसील के सिंधी गांव के समीप के जंगल में लगाए गए पिंजरे में बाघ के पकड़े जाने की जानकारी मिली है.
इस मुहिम को वनविभाग ने बेहद गोपनीय रखा था. वाघ पकडे जाने की बात की चंद्रपुर वनवृत्त के मुख्य वनसंरक्षक प्रवीण कुमार ने पुष्टी कर दी है. उन्होंने बताया है कि इस बाघ को बेहोश कर ले जाने के लिए जरूरी कार्यवाही की जा रही है, उल्लेखनीय है कि इस बाघ को पकड़ने की मांग को लेकर किसान और खेतिहर मजदूर समन्वय समिति की ओर से 12 अक्टूबर को रास्ता रोको आंदोलन भी किया गया था. साथ ही 19 अक्टूबर को शेतकरी संगठन की ओर से विरूर वनपरिक्षेत्र कार्यालय के सामने धरना भी दिया गया था.