सोशल मीडिया ने 18 साल बाद बेटे को अपने परिवार से मिलाया

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बरसो बाद अपनो से मिले, खुशी का ठिकाना न रहा

चंद्रपुर : पारिवारिक कारणों से कुछ लोग घर छोड़कर दूर चले जाते है, कुछ का पता चलता है, कुछ बरसों बाद लौटकर आते है, कुछ आखिर तक पता नहीं चल पाता है, ऐसे तीन अलग अलग मामलों में अपनों से बिछड़ों का मिलन हुआ. जिसमें एक बेटा 18 साल बाद अपने अभिभावकों से मिला वहीं दो महिलाएं चार माह बाद लौट आयी. बल्लारपुर शहर का जेकब फ्रांसीस मात्र 8 वर्ष की आयु में अपने पिता के डांटने पर घर से भाग निकला था. वर्षों तक उसे खोजने की कोशिश की गई लेकिन पता नहीं चला. बालक से युवक बन चुके जेकब द्वारा सोशल मीडिया पर अपनी प्रोफाईल डालने और अपना असली नाम उसमें उल्लेख करने से उसका पता चला और वह अपने परिवार तक पहुंच पाया. जेकब 2002 में घर से निकला था हिमाचल प्रदेश के रूडकी में एक सेवानिवृत्त अधिकारी ने उसे अनाथ समझकर शरण दी और उसका पालनपोषण किया.
कुछ दिन पूर्व ही उसने सोशल मीडिया पर अपनी जानकारी डालने से उसके वर्धा स्थित रिश्तेदारों ने उसके बल्लारपुर में रह रहे भाई को सूचना दी और बल्लारपुर पुलिस की सहायता से जेकब को खोज निकला गया. जिस पिता की डांट से वह भागा था उसने उसकी दोबारा भेट नहीं हुई क्योकि वें इस दुनिया में नहीं है. लेकि उसके अन्य परिजनो की खुशी का ठिकाना नहीं था.

चार माह बाद घरवालों से मिली बिछड़ी हुई महिलाएं

दूसरे अन्य मामलों में राजुरा तहसील की चुनाला में रहनेवाली और भद्रावती में रहनेवाली एक महिला दोनों ही पिछले चार माह से लापता थी. उनके परिवारों ने पुलिस थानों में उनके गुम होने की रिपोर्ट दी थी.कोरोना संक्रमण के दौरान अचानक गायब हुई इन महिलाओं के साथ कुछ अनहोनी तो नहीं हुई इस बात को लेकर उनके परिवार काफी चितिंत थे . लगभग चार माह बाद सोमवार 26 अक्टूबर को दोनों को ब्रम्हपुरी से खोज निकाला गया और उनके परिवार को सौपा गया. दोनों के जीवित मिल जाने से उनके परिवार काफी खुश है .

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