और उलझती जा रही है आत्महत्या मामले की गुत्थी
चंद्रपुर : डॉ. शीतल आमटे ने 30 सितंबर को जहरीला इंजेक्शन लगाकर आत्महत्या कर ली थी। यह प्राथमिक जांच में सामने भी आया है। लेकिन डॉ. शीतल आमटे लेफ्टी नहीं थी। इसके बावजूद उनके दाहिने हाथ मे इंजेक्शन का निशान पाए जाने से पुलिस के सामने पेंच आ गया है और इसे लेकर अब अनेक प्रकार की चर्चा शुरू हो गई है।
डॉ. शीतल आमटे की आत्महत्या को अब 6 से अधिक दिन का समय बीत गया है। पुलिस ने उनका लैपटॉप, टैब, मोबाइल, सीसीटीवी फुटेज, इंजेक्शन, दवा जब्त की है. साथ ही उनके संपर्क में आए आनंदवन के लोगों से पूछताछ कर रही है। लेकिन डॉ. शीतल आमटे की मृत्यु कैसे हुई इसी जांच में पुलिस का समय बीत रहा है। बताया जा रहा है कि शीतल मानसिक तनाव में थी यह पुलिस जांच में सामने आया है। लेकिन उनकी आत्महत्या का कारण अब तक सामने नहीं आया है। हाई प्रोफाइल मामला होने से पुलिस भी काफी गुप्तता बरत रही हैं।
पिता को थी शीतल की चिंता
डॉ. शीतल आमटे, उनके पिता विकास आमटे की बहुत लाडली थी। लेकिन आत्महत्या के कुछ दिनों पूर्व ही आमटे परिवार गढ़चिरोली जिले की भामरागढ़ तहसील के हेमलकसा गया था। पिता विकास आमटे को बेटी शीतल आमटे की चिंता सता रही थी कि वह बंदूक का लाइसेंस लेकर अपना कुछ भला बुरा न कर ले। इसलिए डॉ. विकास आमटे ने भामरागढ़ पुलिस को पत्र देकर शीतल आमटे को किसी भी बंदूक का लाइसेंस नहीं देने की बिनती भी की थी। यह पत्र लेकर भमरागढ़ थाने का एक पुलिस कर्मचारी 28 नवंबर को वरोरा उपविभागीय पुलिस अधिकारी कार्यालय भी आया था।