पोद्दार इंटरनेशनल स्कूल के खिलाफ एकजुट हुए पेरेंट्स
चंद्रपुर : शहर के दाताला में स्थित पोद्दार इंटरनेशनल स्कूल प्रबंधन की ओर से रविवार, 17 जनवरी को फीस बकाया होने के कारणों के चलते अनेक अभिभावकों के मोबाइल नंबर ऑनलाइन शिक्षा से जुड़े वाट्सऍप ग्रुप से हटा दिए गए. मंगलवार, 19 जनवरी को पीड़ित अभिभावकों ने जिप के शिक्षाधिकारी दीपेंद्र लोखंडे से भेंट कर शिक्षा से वंचित रखने के इस मामले को उजागर करते हुए उन्हें अपनी शिकायत दी. शिक्षाधिकारी ने तत्काल इस मामले की जांच कर उचित कदम उठाने का भरोसा दिलाया.
फीस और सहूलियत को लेकर चल रहा यह विवाद अब प्रशासनिक जांच के दायरे में आ गया है. इसके चलते जहां स्कूल प्रबंधन सकते में आ चुका है, वहीं अभिभावकों ने शिक्षाधिकारी के समक्ष अपने बच्चों की टीसी निकलवाने में सहायता करने की गुहार लगाई है. कक्षा पहली से 8 वीं के विद्यार्थियों के अनेक अभिभावकों ने शिक्षाधिकारी लोखंडे को शिकायत दी कि बिना किसी पूर्व सूचना के उनके बच्चों को ऑनलाइन क्लास ग्रुप से निकाला गया. जबकि इन बच्चों की इंटरनल टेस्ट एक्जाम शुरू है. फीस के डिस्काउंट को लेकर स्कूल प्रबंधन एवं अभिभावकों में विवाद की स्थिति बनी हुई है. फीस को लेकर स्कूल – पेरेंट एसोसिएशन और स्कूल प्रबंधन के बीच विगत वर्ष नवंबर माह में एक बैठक हुई थी.
इस दौरान मुख्याध्यापक वाल्मीक सोमासे के समक्ष सभी अभिभावकों ने फीस कम करने की गुहार लगाई थी. आश्वासन के अनुरूप कोई हल नहीं निकाले जाने से अभिभावकों ने फीस भरने में देरी कर दी. एकमुश्त फीस भरने पर ही दस प्रतिशत डिस्काउंट की सुविधा देने के स्कूल प्रबंधन के फैसले का विरोध होने लगा.
अब जब फीस न चुकाने वाले बच्चों को ऑनलाइन कक्षा से दूर किया गया है तो राज्य सरकार के आदेश का हवाला देते हुए तत्काल स्कूल के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग अभिभावकों ने की है. अभिभावक किश्तों में फीस देने को तैयार है. अतिरिक्त चार्जेस न लगाने व बच्चों को शिक्षा के मौलिक अधिकार से वंचित रखने की बात कहते हुए सभी को डिस्काउंट देने की मांग इन्होंने की है. ज्ञापन सौंपने गए प्रतिनिधिमंडल में राकेश गुप्ता,
नावेद हैदर, कपिल पेठे, सोनू आसवानी, योगिता पेठे, विद्या मत्ते, विनोद विंचूरकर, अविनाश बदखल, नीलेश वर्षे, अमित अनेजा आदि का समावेश है.