२३३ शिक्षक घोटाले बाज, तो छात्र कैसे बनेंगें आदर्शवादी ?

0
45

चंद्रपुर : जिले के राजुरा पंचायत समिति के तहत आने वाले शिक्षा विभाग में वर्ष २०१९-२० के यात्रा अवकाश सहूलियत योजना में हजारों फर्जी बिलों को जोडक़र क्षेत्र के २३३ शिक्षकों ने कुल १७ लाख ८४ हजार ७२१ रुपये का घोटाला कर दिया. अगस्त २०२० में चंद्रपुर जिला परिषद ने इस योजना का ऑडिट किया तो अनेक चौंकाने वाले तथ्य उजागर हुए. इस फर्जीवाड़े पर ऑडिटर २० मुख्य आपत्तियां जताते हुए इसे गंभीर घोटाला माना है. लेखा परीक्षण की सरकारी निधि के कैश बुक की गहनता से जांच की. राजुरा के गुट विकास अधिकारी (बीडीओ) डॉ. ओमप्रकाश रामावत के हस्ताक्षर से मंजूर लाखों की राशि २३३ शिक्षकों में बंदरबाट कर दी गई. इन सभी शिक्षकों ने फर्जी बिलों को जोडक़र सरकारी निधि का गबन करने का उल्लेख जिप के ऑडिट रिपोर्ट में किया गया है.

■  कलंकित कर गया शिक्षकों का कृत्य

राजुरा पंस के तहत जिप स्कूलों में पढ़ाने वाले २३३ शिक्षकों की करतूत शिक्षा क्षेत्र को कलंकित कर दिया. इन २३३ शिक्षकों के अधिन हजारों की संख्या में छात्र पढ़ाई कर रहे है. ऐसे में बच्चों को आदर्शवादी बनाने की सरकार की नीतियां यहां धूमिल पड़ गई. अब तो इन शिक्षकों के आदर्श पर ही बड़ा सवाल उठने लगा है. लेखा शिर्ष – २२०२ के तहत सरकारी निधि में बड़ा गबन किया गया. लेखा परीक्षण के अनियमितता क्रमांक २० का यह मामला अनियमितता धारा ९ अ के तहत बेहद गंभीर मानते हुए इन २३३ शिक्षकों से १७,८४,७२१ रुपये वसूल करने का रिमार्क ऑडिटर ने अपने ऑडिट रिपोर्ट में चंद्रपुर जिला परिषद को सौंप दिया है.

■  बीडीओ की मंजूरी पर उठने लगे सवाल

यात्रा अवकाश सहूलियत योजना के नाम पर फर्जी बिल बनाकर २३३ शिक्षकों द्वारा गबन किए गए १७,८४,७२१ रुपये के मामले को जिप के ऑडिटर गंभीर व नियमबाह्य कृत्य करार देते हुए इनसे संपूर्ण राशि वसूल करने की बात अपने रिपोर्ट में कही है. सूचना अधिकार के माध्यम से प्राप्त हुई यह रिपोर्ट बेहद चौंकाने वाली है. ऑडिर ने ३२ पेजेस की अपनी विस्तृत रिपोर्ट में उन सभी २३३ शिक्षकों के नाम उजागर किए है. साथ ही २० मुख्य मुद्दों पर आपत्ति जाहिर की है. इसके अलावा बीडीओ डॉ. ओमप्रकाश रामावत की मंजूरी से रकम वितरित किए जाने को लेकर काफी अहम सवाल उठाये है.

■  वित्त व लेखा अधिकारी को सौंपी जांच

जब यह ऑडिट रिपोर्ट जिप सीईओ राहुल कर्डिले को प्राप्त हुई तो उन्होंने इस प्रकरण को चिंताजनक बताते हुए तत्काल जिप के वित्त व लेखा अधिकारी अशोक मातकर को इस प्रकरण की गहनता से जांच कर अपनी रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए है. वहीं आरटीआई एक्टीविस्ट की मांग है कि इस मामले की उच्च स्तरिय जांच कर धारा ४२० के तहत अपराध दर्ज किया जाना चाहिये.

■  और भी १० कर्मचारियों ने किए थे हस्ताक्षर

ऑडिट रिपोर्ट कच्चा ड्राफ्ट है. इसमें जो आपत्तियां आयी है, उस पर हम संबंधित शिक्षण अधिकारी से जानकारी लेंगे और जवाब पेश करेंगे. फिलहाल जिप के सीईओ या लेखा अधिकारी से हमें कोई आदेश पत्र नहीं मिला है. जवाब देने की प्रक्रिया बरसों तक चलती है. राशि अदायगी मेरे अकेले के हस्ताक्षर से नहीं हुआ है. मेरे अधिन और भी १० कर्मचारियों ने इस पर हस्ताक्षर किए है. कतिथ गबन की राशि सीधे २३३ शिक्षकों के खातों में गई है. इसलिए इस गड़बड़ी के लिए मैं जिम्मेदार नहीं हूं.
डॉ. ओमप्रकाश रामावत, गुट विकास अधिकारी, पंचायत समिति, राजुरा

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here